कल के बारिश के होंसले अलग थे मेरे भीगने के सपने भी अलग थे
वोह तो आके बरस के चली गयी मगर मेरे भीगने के सपने अधूरे रह गये
तेरे साथ वक्त गुजारनेके लम्हे भी बहुत थे मगर दास्तानोंके किस्से ख़तम ही नहीं हुए
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